अमलतास के पेड़ मनमोहक पीले फूलो से सुसज्जित रहता है , अमलतास की फली बड़ी ही गुणकारी व औषधीय होती है | इसकी फली काले रंग की 1.5 से 2 फुट की होती है , ये काले रंग के हल्के मीठे गूदे से भरपूर होती है व इसकी संरचना खांचेदार होती है जिसमे बीज भी होते है | अमलतास का गूदा छालो के लिए लाभकारी होती है , इसके गूदे को मुंह में रख कर चूसने मात्र से छालों में लाभ मिलता है | अमलतास फल का गूदा व मुन्नाका बराबर मात्रा में सेवन करने से आंतों के रोगो में राहत मिलती है , अमलतास के 20 से 50 ग्राम गूदे को आधा लीटर पानी में मिलकर सुबह पीने से पेट के सभी अशुद्धि मल रूप में बाहर आ जाती है ,कब्ज में राहत कर होता है | अमलतास के फल का गूदा पित्त विकारो में लाभकर है | अमलतास नामावली 1 संस्कृत: आरग्वध, राजवृक्ष, शम्पाक 2.असामी :सोनारु 3. इंग्लिश : इंडियन लाबुरुनम 4. गुजराती : गरामला 5. कन्नड: आरग्वध,काके , राजतरु 6. कश्मीरी : करियांगल फली 7. मलयालम : कोन्ना ,कृतमालम 8. मराठी: बाहवा ,गरामला, अमलतास 9. ओड़िया: सुनारी 10. हिन्दी , पंजाबी : अमलतास 11. तमिल: सरकोनाराइ , सरक कोन्नाई 12. तेलुगू : रेला 13. उर्दू : खियार शंवर गुण धर्म रस: मधुर , तिक्त गुण : गुरु वीर्य: उष्ण कर्म: रेचन औषधीय उपयोग : शुल , गुल्म, विभन्दन,उदावर्त ,उदररोग , हृदयरोग ,प्रमेह औषधि : आरग्वधादि चूर्ण